यह एक सामयिक
(Short-Term) मनोविकार है, जिसमे रोगी का मन लगातार कई हफ़्तों या कई महीनों तक उदार या बहुत ज्यादा उत्साहित रहता है। इसमें रोगी के व्यवहार में बहुत तेजी से विपरीत परिवर्तन आते है। यह बीमारी व्यक्ति को भावनात्मक रूप से (Emotionally) तोड़ देती है, और अन्ततः व्यक्ति या तो उपहास का पात्र बन जाता है या फिर आत्मदाह की सोचने लगता है।
वर्तमान में 10 प्रतिशत लोगो मे पाई जाती है।
20-40 साल के लोगो मे ज्यादा पाई जाती है।
किसी भी मानसिक समस्या में हर उपाय रोगी की स्थिति पर ही निर्भर करता है। हर उपाय हर व्यक्ति पर लागू होगा इसकी संभावना बहुत कम है, पर कुछ साधारण उपाय है जो किये जा सकते हैं।
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